Latest News

सौ रुपए का चढ़ावा लाओ और अपेक्स बैंक का टोकन बिना लाइन लगाए पाओ

रात चार बजे से किसान बैंक के सामने टोकन के लिए लगा रहे लाइन, वही 100 रुपए की अवैध वसूली कर दिया जा रहा टोकन

IMG 20250124 18313093

धरमजयगढ़ :- धरमजयगढ़ का अपैक्स बैंक शुरू से विवादों में घिरा रहा है यहां हर साल बैंक प्रबंधन द्वारा भोले-भाले किसानों को ठगने का मामला सुनने को मिलता रहता है। धान बेचने के बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पैसे निकालने अपैक्स बैंक धरमजयगढ़ पहुंचते हैं वही ग्रामीणों की तादात ज्यादा होने के कारण ग्रामीणों को सुबह 3-4 बजे से लाइन लगने को मजबूर होना पड़ता है। जिसमें कई लोगों को बिना लाइन गार्ड पैसे लेकर टोकन दे रहा है। वही लोगों का कहना है की हमारी क्या गलती है जो हमें लाइन में लगाया जा रहा और अन्य लोगों को पैसे लेकर घुसाया जा रहा है। मामले के बारे में बता दे की गार्ड द्वारा लोगों से पैसे लेकर टोकन लाकर दिया जा रहा था जो फोटो-वीडियो में देख सकते है की कैसे गेट के बाहर खड़ा एक व्यक्ति जेब से नोट निकालकर अंदर कर्मचारी को दे रहा है वही इसके बदले में गार्ड द्वारा 282 नंबर के टोकन को दे दिया गया ज़ब यह वीडियो लेकर हमारी टीम बैंक मैनेजर के पास पहुंची तब शुरुआत में गार्ड ने साफ इंकार कर दिया वही वीडिओ का जिक्र करने के बाद गार्ड ने कबूल किया की व्यक्ति द्वारा उसे पैसे दिए गए है। यही उक्त व्यक्ति को बुलाकर ज़ब मैंनेजर ने पुछा तब व्यक्ति ने पैसे देकर टोकन लेने की बात कही। वही इस मामले पर कार्यवाही को लेकर बैंक के मैंनेजर गोल मटोल बात करते नज़र आए और लिखित शिकायत की मांग करने लगे। अब सोचने वाली बात यह है की ज़ब गार्ड और व्यक्ति दोनों द्वारा पैसे की लेनदेन कबूला गया तब बैंक मैंनेजर को किस बात का लिखित शिकायत की जरूरत है। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या कही बैंक के कर्मचारी भी तो इस मामले में संलिप्त नहीं। अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कार्यवाही होती है..?क्या कहते हैं बैंक मैंनेजर ज़ब इस सम्बन्ध में बैंक मैंनेजर को वीडियो और सारे सबूत पेश किया गया तब पहले तो वह कार्यवाही करने से बचते नज़र आए फिर वह लिखित शिकायत की मांग करने लगे उसके बाद ज़ब बोला गया कि सारे सबूत आपके सामने ही तो हैं तब उन्होंने कार्यवाही का अश्वासन दिया है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button