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पेड़ो की अवैध कटाई कर जंगलों में ही लकड़ी की चिराई

बोरो रेंज के जबगा बीट का मामला

धरमजयगढ़ :- धरमजयगढ़ के वन क्षेत्रों से एक से बढ़कर एक मामले देखने को मिलते हैं जिसमें जंगलो की कटाई आम बात है। पर अब जंगलों को काटकर वही पर पेड़ों की चिराई कर दी जा रही है और तस्करों द्वारा लकड़ी को उठाकर लें जाया जा रहा है। हम बात कर रहे हैं जबगा बीट की यहां के वनरक्षक उमेश पैकरा की निष्क्रियता का ही परिणाम है की यहां दिन दहाड़े जहाँ पेड़ों को काटा गया है वही उसे चीरा जा रहा है।

यह कार्य वनरक्षक के आवास से कुछ ही दूरी पर किया जा रहा है। यहां जबगा से सिरकी जाने वाले सडक में जबगा से कुछ मीटर की दुरी पर लकड़ी चिरा जा रहा है।

पहले भी हो चुका है इस बीट में लकड़ी चिराई

जबगा बीट तस्करों के लिए बहुत महत्वपूर्ण बीट बन सा गया है क्युकी इससे पहले भी लगभग एक वर्ष पूर्व में यहां के गिद्धराईलमाडा गुफा के पास लकड़ी चिराई का मामला देखने को मिला है जिसकी खबर उच्च अधिकारीयों को दी गई थी, पर उस मामले में अब तक क्या कार्यवाही हुई यह किसी को पता नहीं चल सका। उच्च अधिकारीयों की अनदेखी का ही कारण है कि आज जंगल साफ होते जा रहे हैं और जंगलों में खुलेआम लकड़ी की चिराई हो रही है।

क्या होंगी कार्यवाही..?

अब सवाल यह खड़ा होता है कि जिन्दा पेड़ों की बली चढ़ाकर उसकी चिराई कर लकड़ी की तस्करी मामले में उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करेंगे। क्युकी जिस वनमण्डल को जंगलों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा रखा गया है अगर वही पर वन और पेड़ों की ऐसी दुर्दशा होंगी तब क्या वनमण्डलाधिकारी द्वारा जिस वनरक्षक को बीट में तैनात किया गया है उस वनरक्षक पर अधिकारी कोई कार्यवाही करेंगे या फिर कार्यवाही के आभाव में तस्करों के और हौसले बुलंद होंगे। वही वनरक्षक के होते हुए अगर उनके बीट में ऐसा घटना घटित हो रहा है तब इसकी पूरी जवाबदेही वनरक्षक की ही है।

क्या कहते हैं वनरक्षक

ज़ब इस सम्बन्ध में वनरक्षक उमेश पैकरा के निवास स्थल पर हमारे संवाददाता गए तब वह वहा मौजूद नहीं थे, जिसके बाद उन्हें फ़ोन से संपर्क कर मामले के संबंध में पुछा गया तब उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी वही वो उल्टा लकड़ी चिराई का स्थान पूछ रहे थे।

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