छत्तीसगढ़ में अब बीपीएल ही नहीं ईडब्ल्यूएस के श्रेणी के बच्चों को भी मिलेगा मुफ्त में शिक्षा का अधिकार 6 महीने में ईडब्ल्यूएस के बच्चों के लिए राज्य शासन को पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया।

बिलासपुर :- माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर (C.G)बिलासपुर हाईकोर्ट की प्रथम खंडपीठ ने निशुल्क एवं अनिवार्य बालक शिक्षा के अधिकार अंतर्गत निजी विद्यालयों के आरक्षित सीटों में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बालकों के प्रवेश के लिए नीतिगत निर्णय लेने का आदेश किया है
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बालकों के लिए आरटीआई अंतर्गत निज़ी विद्यालयों में प्रवेश हेतु एक जनहित याचिका लगाई गई थी। याचिका 61/2017 भिलाई निवासी व भगवत राव द्वारा दायित्व की गई थी।निशुल्क एवं अनिवार्य बालक शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा 2(e) के प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार के आर्थिक रुप से पिछड़े परिवार के लिए वार्षिक आय के आधार पर प्रवेश अनुमति देना था छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार को दुर्बल वर्ग की श्रेणी में रखा गया था ।
आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बालक को वार्षिक आय के आधार पर प्रवेश हेतु उपयुक्त जनहित याचिका दायर की गई थी उपयुक्त याचिका की पैरवी के अधिवक्ता श्रीमान देवर्षि ठाकूर और आशुतोष बिस्वास द्वारा की गई थी माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की खंड पिट के द्वारा मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और अन्य न्यायाधीश रवींद्र कुमार अग्रवाल के द्वारा दिनांक 26/03/2025 में दिये गये निर्णय के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन को अगले 6 माह नीतिगत निर्णय लेते हुए ऑर्थिक रूप से पिछड़े परिवार के बालक को आरटीआई अंतर्गत निजी विद्यालय में प्रवेश हेतु नियम बनाते है