22 लाख के राशन का गबन, एफआईआर का आदेश

धरमजयगढ़ :- सरकार ने राशन सामग्री के गबन को रोकने के लिए ई-पॉस मशीन के जरिए वितरण की व्यवस्था की है। इससे आसानी से पता चल जाता है कि हितग्राही को सामग्री मिली है या नहीं। इसके बावजूद पीडीएस दुकान संचालक धांधली कर रहे हैं। धरमजयगढ़ के रूवाफूल में 22.39 लाख की राशन सामग्री का गबन करने पर कलेक्टर ने एफआईआर के आदेश दिए हैं।
पीडीएस दुकानों में पहले भी सामग्री गबन धड़ल्ले से होती रही है। 2018 के बाद इसमें बहुत ज्यादा इजाफा हुआ। बिना हितग्राही की सूचना के उसके हिस्से का चावल, नमक, चना और शक्कर खुले बाजार में बेच दिया जाता है। हितग्राही को कह दिया जाता है कि इस महीने राशन नहीं आया। इसे रोकने के लिए बायोमीट्रिक डिवाइस और आधार वेरीफिकेशन की बाध्यता रखी गई। इससे कुछ हद तक कमी आई लेकिन अभी भी दुकान संचालक गबन से बाज नहीं आ रहे हैं।इतनी सख्ती औरडिजिटाइजेशन के बावजूद पीडीएस दुकानों में गबन हो रहा है।

धरमजयगढ़ के ग्राम रूवाफूल में पीडीएस दुकान का संचालन निश्चय नया सवेरा स्व सहायता समूह को दिया गया था। भौतिक सत्यापन में पता चला कि 533.81 क्विं. चावल कीमत 22,21,717 रुपए, 27 किलो शक्कर कीमत 4398 रुपए, 3.08 क्विं. चना कीमत 4611 रुपए और 2.42 क्विं. नमक कीमत 1000 रुपए कुल 22,39,525 रुपए का गबन कर लिया गया। इतनी सामग्री भंडारित तो हुई लेकिन हितग्राहियों तक नहीं पहुंची।कलेक्टर के आदेश पर खाद्य विभाग ने विस्तृत जांच कर प्रकरण एसडीएम धरमजयगढ़ के सुपुर्द किया।
एसडीएम ने खाद्य निरीक्षक को समूह अध्यक्ष दुलेश्वरी चौहान, सचिव गुरुवारी राठिया और विक्रेता रामचरण चौहान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। पिछले दिनों धरमजयगढ़ की कई दुकान संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
Lakesh Sidar