अब करेगी EOW भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाले की जांच

रायपुर। केंद्र सरकार की बहुचर्चित ‘भारत माला परियोजना’ का मकसद देश में सड़कों का जाल बिछाना था, लेकिन अब यह परियोजना घोटालों की दलदल में फंसती नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ में इस परियोजना के तहत करोड़ों रुपये के मुआवजा घोटाले के सनसनीखेज आरोप सामने आए हैं।

राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को जांच का जिम्मा सौंप दिया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
मुआवजा घोटाले का पर्दाफाश-एक ही जमीन के लिए दो बार भुगतान : सूत्रों के मुताबिक, रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत अभनपुर में भूमि अधिग्रहण घोटाला सामने आया है। आरोप है कि तत्कालीन एसडीएम और भू-अर्जन अधिकारी निर्भय साहू ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक ही भूमि का दो बार मुआवजा दिलवाया, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।राजस्व रिकॉर्ड की जांच किए बिना फर्जी तरीके से मुआवजा जारी कर दिया गया।कई किसानों को उनकी जमीन से कम दाम पर बेदखल कर दिया गया, जबकि रसूखदारों को ऊंची दरों पर भुगतान मिला।घोटाले में शामिल अफसरों ने ‘फर्जी दस्तावेजों’ के जरिए सरकारी खजाने पर डाका डाला।विधानसभा में हंगामा, नेता प्रतिपक्ष का बड़ा हमला : इस घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार से सीधे सवाल किए
➡️ रायपुर, बिलासपुर और कोरबा जिलों में मुआवजा वितरण में धांधली क्यों हुई?
➡️ किसानों की जमीनों को छोटे टुकड़ों में बांटकर अलग-अलग रेट क्यों तय किए गए?
➡️ जिन गरीब किसानों को मुआवजा नहीं मिला, उनके साथ यह अन्याय क्यों?
सरकार के पास इन सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जांच का आदेश देकर सफाई देने की कोशिश की।EOW जांच शुरू-अफसरों पर गिर सकती है गाज : सरकार ने EOW को जांच के आदेश देते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। अगर घोटाले की पुष्टि होती है, तो इसमें शामिल अधिकारियों और दलालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, कुछ अफसरों पर जल्द ही निलंबन की तलवार लटक सकती है, और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
भ्रष्टाचार पर कब लगेगी लगाम?
भारत माला परियोजना देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने का सबसे बड़ा सपना था। लेकिन घोटालों और भ्रष्टाचार ने इस सपने को चकनाचूर कर दिया है। सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि भ्रष्ट अफसरों और दलालों को सजा मिले, ताकि जनता का पैसा लूटने की परंपरा खत्म हो। अब देखने वाली बात यह होगी कि EOW की जांच क्या सच्चाई सामने लाती है और दोषियों पर क्या गाज गिरती है!