Latest News

लैलूंगा में दर्दनाक सड़क हादसा: आमने-सामने टकराई दो मोटरसाइकिल, दो की मौके पर मौत, दो गंभीर रूप से घायल

1000086043

लैलूंगा/क्षेत्र में एक और दर्दनाक सड़क हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। रविवार की शाम 5 बजे लैलूंगा विकासखंड के कूपाकानी डामर प्लांट के पास दो तेज रफ्तार मोटरसाइकिलों की आमने-सामने भिड़ंत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों मोटरसाइकिल सवार अत्यधिक तेज रफ्तार में थे और सामने से आ रहे वाहन को संभाल नहीं पाए, जिससे आमने-सामने की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों बाइक के परखच्चे उड़ गए और सवार दूर जा गिरे।हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तत्काल बचाव कार्य शुरू किया।

1000086040

इस दौरान वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी लैलूंगाफ़लेश्वर पैंकरा ने मानवीयता का परिचय देते हुए घायलों को अपनी निजी वाहन से लैलूंगा अस्पताल पहुंचाया।स्थानीय लोगों का आरोप है कि लैलूंगा क्षेत्र में एम्बुलेंस की कमी के कारण समय पर घायलों को मदद नहीं मिल पाती, जिससे कई बार जान जाने की नौबत आ जाती है। इस हादसे में भी अगर कृषि अधिकारी समय पर पहल न करते, तो दोनों घायलों की हालत और गंभीर हो सकती थी।

हादसे में जान गंवाने वाले दो व्यक्तियों में से एक की पहचान जशपुर जिले के घोघरा गांव निवासी युवक के रूप में हुई है। जबकि दूसरे मृतक की शिनाख्त समाचार लिखे जाने तक नहीं हो सकी थी। पुलिस को घटना की सूचना दे दी गई है, और मौके पर पहुंच कर पुलिस ने शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि लैलूंगा क्षेत्र में 24 घंटे सक्रिय एम्बुलेंस सुविधा सुनिश्चित की जाए। उनका कहना है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाएं अक्सर होती हैं, लेकिन चिकित्सा सुविधा समय पर नहीं मिल पाने के कारण कई बार छोटी घटनाएं भी जानलेवा साबित होती हैं।

पुलिस का कहना है कि हादसे की विस्तृत जांच की जा रही है। दोनों मोटरसाइकिलों के नंबर और दस्तावेजों के आधार पर घायलों व मृतकों की शिनाख्त की जा रही है। वहीं घायल व्यक्तियों की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लैलूंगा में जारी है।

यह सड़क हादसा न केवल क्षेत्रीय यातायात व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को भी उजागर करता है। यह जरूरी है कि प्रशासन इन घटनाओं से सबक ले और दुर्घटनाओं के बाद त्वरित राहत व चिकित्सा सुविधा पहुंचाने की मजबूत व्यवस्था करे।इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या सड़कों पर सफर करना अब सुरक्षित रह गया है? यदि नहीं, तो इसका जिम्मेदार कौन है

लापरवाही से वाहन चलाने वाले लोग, प्रशासन की उदासीनता, या फिर असुविधाजनक बुनियादी ढांचा?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button